भारत में पुणे शहर में जिका वायरस संक्रमण के छह मामले सामने आए हैं, जिनमें दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एक 28 वर्षीय गर्भवती महिला जो एरंडवाणे इलाके की रहने वाली है, उसमें जिका वायरस संक्रमण पाया गया है। उसकी रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आई है। वहीं, एक और महिला जो 12 सप्ताह की गर्भवती है, उसमें भी सोमवार को जिका वायरस संक्रमण पाया गया है। दोनों महिलाओं की हालत अच्छी है और उन्हें कोई लक्षण नहीं हैं।
जिका वायरस से गर्भवती महिलाओं को खतरा
जिका वायरस गर्भवती महिलाओं में माइक्रोसेफली (जिसमें शिशु का सिर छोटा होता है क्योंकि उसका दिमाग सामान्य से कम विकसित होता है) का कारण बन सकता है।
पहला मामला एरंडवाणे से सामने आया था
पुणे में जिका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंडवाणे से सामने आया था, जहां एक 46 वर्षीय डॉक्टर के नमूने में संक्रमण पाया गया था। उसके बाद उसकी 15 वर्षीय बेटी के नमूने में भी संक्रमण पाया गया। इसके अलावा, मुंढवा से 47 वर्षीय एक महिला और 22 वर्षीय एक पुरुष के मामले भी सामने आए हैं।
जिका वायरस कैसे फैलता है?
जिका वायरस संक्रमण एडीज मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण भी फैलाते हैं। यह वायरस पहली बार 1947 में यूगांडा में पहचाना गया था।
पुणे नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग मॉनिटरिंग कर रहा है
पुणे नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग इस मामले की निगरानी कर रहा है। सतर्कता के तौर पर, वह मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए धुंआ और फ्यूमिगेशन जैसे उपाय कर रहा है।
जिका वायरस क्या है?
जिका वायरस एक वायरल बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से होती है। यह मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका और मध्य अफ्रीका में पाया जाता है, लेकिन अब यह दुनिया भर में फैल गया है।
जिका वायरस के लक्षण क्या हैं?
जिका वायरस के मुख्य लक्षण हैं – बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गर्दन में दर्द, लाल आंखें और त्वचा पर छोटे-छोटे दाने। हालांकि, कई मामलों में कोई लक्षण नहीं भी हो सकते हैं।
जिका वायरस से कैसे बचें?
जिका वायरस से बचने के लिए, मच्छरों से बचना महत्वपूर्ण है। इसके लिए, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय जैसे कि घरों में पानी न जमा होने देना, कीटनाशक का उपयोग करना और मच्छरों से बचने के लिए कपड़े पहनना आवश्यक हैं। गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए।
जिका वायरस का इलाज क्या है?
जिका वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जैसे बुखार और पेन-किलर दवाओं का सेवन। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है।
जिका वायरस से होने वाली अन्य समस्याएं
जिका वायरस से गर्भवती महिलाओं में माइक्रोसेफली के अलावा, गुइलेन-बारे सिंड्रोम (एक नर्वस तंत्र की बीमारी) और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस संक्रमण से बचाव के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए।
पुणे में जिका वायरस संक्रमण के मामले सामने आने से स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि यह उनके शिशु में माइक्रोसेफली जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए लोगों को मच्छरों से बचने के उपायों पर ध्यान देना होगा और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।