निर्मला सीतारमण के बजट घोषणाओं ने सोने और चांदी के भाव को एक झटके में ही नीचे कर दिया। वित्त मंत्री ने सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 10% से 6% कर दिया। इसके अतिरिक्त, प्लेटिनम पर भी सीमा शुल्क को 6.4% तक कम किया गया।
इस घोषणा के तुरंत बाद, सोना और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। एमसीएक्स पर सोना 68792 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो पहले 80,000 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी। चांदी भी 85,125 रुपये प्रति किलो तक गिर गई। इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर इंदौर सर्राफा बाजार पर पड़ा, जहां सोने के भाव 2,000 रुपये और चांदी के भाव 2,500 रुपये प्रति किलो कम हो गए।
वित्त मंत्री की इन घोषणाओं से मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए सोना-चांदी खरीदना सस्ता हो गया है। इससे उनका सपना अब और भी आसान हो गया है। वित्त मंत्री ने एक करोड़ परिवारों के लिए इस बजट में खास घोषणाएं की हैं, जिनसे उनका जीवन स्तर काफी बेहतर होने की उम्मीद है।
अजय केडिया, केडिया कमोडिटीज के प्रेसीडेंट, का कहना है कि यह गिरावट वास्तव में ड्यूटी एडजस्टमेंट कॉल थी, न कि कोई असामान्य गिरावट। उन्होंने कहा कि ग्लोबल बाजार में कोई बदलाव नहीं है और आगे भी सोने की कीमतें 78,000 रुपये के आसपास रह सकती हैं।
इस गिरावट के पीछे एक और कारण यह भी है कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से पहले एशियाई बाजारों में सोने की दरें सपाट थीं, जो फेडरल रिजर्व की दर-कटौती को प्रभावित कर सकती थीं। स्पॉट गोल्ड 2,409.66 डॉलर प्रति औंस पर था, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 0.1% बढ़कर 2,410.50 डॉलर हो गया।
इस गिरावट से न केवल मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ होगा, बल्कि इससे देश के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। सोना और चांदी की कीमतों में कमी से लोग अब इन धातुओं को आसानी से खरीद सकेंगे, जिससे उनके निवेश और खपत में भी बढ़ोतरी होगी।
वित्त मंत्री ने इस बजट में कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं, जैसे कि आयकर स्लैब में छूट, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास, कृषि क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर।
इन सभी घोषणाओं से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। सोने और चांदी की कीमतों में कमी से लोगों की क्रय क्षमता बढ़ेगी, जो उपभोग और निवेश को बढ़ावा देगा। इससे देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी बढ़ेगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
वित्त मंत्री की इन घोषणाओं ने न केवल सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को सामने लाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार देश के विकास और आम नागरिकों की भलाई के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। इन कदमों से मध्यम वर्ग के परिवारों को भी लाभ मिलेगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।