मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पहले बजट में एक बड़ा निर्णय लिया है। वह अपनी पूर्ववर्ती सरकार की प्रमुख योजना ‘लाड़ली बहना’ में कोई वृद्धि नहीं करने जा रहे हैं।
पिछली सरकार के तहत, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को पहले 1000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया था। इस योजना को चुनावी वादा के तौर पर पेश किया गया था और सरकार ने इसे लागू भी किया था।
लेकिन, नई मोहन सरकार इस योजना में कोई वृद्धि नहीं करने जा रही है। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अलग-अलग संगठनों और अधिकारियों ने लाड़ली बहना योजना की राशि 1500 रुपये महीने करने का सुझाव दिया था। परंतु डॉ. मोहन यादव इस योजना का बोझ और बढ़ाना नहीं चाहते थे, इसलिए राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई।
सीएम ने अधिकारियों से सलाह मांगी थी कि ‘लखपति दीदी’ योजना का खाका पेश किया जाए, ताकि लाड़ली बहना योजना को समाप्त किया जा सके। लेकिन कोई भी अधिकारी स्पष्ट विजन प्रस्तुत नहीं कर सका। अंततः, सरकार को लाड़ली बहना योजना को जारी रखना पड़ा।
इस बीच, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2023 के चुनावों से पहले वादा किया था कि वह लाड़ली बहना योजना की राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह कर देंगे। लेकिन वर्तमान सीएम मोहन यादव ने इस वादे को पूरा नहीं किया है।
अधिकारी का कहना है कि प्रदेश के बढ़ते कर्ज और आर्थिक स्थिति को देखते हुए, सरकार ने लाड़ली बहना योजना में कोई वृद्धि नहीं की है। इससे 18,984 करोड़ रुपये की बचत होगी, जो कि राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार, मोहन सरकार ने लाड़ली बहना योजना में कोई नई घोषणा नहीं की है और पूर्व सीएम के वादे को पूरा नहीं किया है। इसका मुख्य कारण प्रदेश की बढ़ती आर्थिक चुनौतियां हैं, जिनका सामना करना सरकार के लिए आवश्यक है।
इस बीच, सरकार ने महिलाओं, बच्चों और किसानों के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। वित्त विभाग के अधिकारी का कहना है कि फ्री की रेवड़ी योजनाओं से बचते हुए, सरकार ने विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस तरह, मोहन सरकार ने एक ऐसा बजट पेश किया है जो प्रदेश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए है। हालांकि, लाड़ली बहना योजना में कोई वृद्धि न करने का फैसला राजनीतिक रूप से विवादित हो सकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि यह आर्थिक रूप से जरूरी है।