Ration Card Update: मध्य प्रदेश सरकार राज्य की सार्वजनिक खाद्य वितरण व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव कर रही है। इसका मकसद है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ सच में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार मध्य प्रदेश में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज उपलब्ध कराती है। लेकिन यह व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर रही है। कुछ गैर-पात्र लोग इस राशन का लाभ ले रहे हैं, जबकि कुछ पात्र परिवार इससे वंचित रह गए हैं।
इसे ठीक करने के लिए, राज्य ‘स्मार्ट पीडीएस’ (सार्वजनिक वितरण व्यवस्था) लागू कर रहा है। इसमें मुख्य बदलाव हैं:
केंद्रीय डेटाबेस से जोड़ना: राज्य पीडीएस लाभार्थियों का डेटा केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर सिस्टम से जोड़ेगा। इससे ऐसे लोगों की पहचान होगी, जिनके नाम कई जगहों पर दर्ज हैं, जो अनुमत नहीं है।
वाहनों की ट्रैकिंग: सरकार अनाज ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अनाज सही राशन दुकानों तक पहुंच रहा है, और कहीं और नहीं भेजा जा रहा है।
एक नाम, एक राशन कार्ड: अगर सिस्टम में किसी व्यक्ति का नाम दो जगहों पर पाया जाता है, तो उसका नाम एक जगह से हटा दिया जाएगा। इस खाली जगह पर किसी और पात्र परिवार का नाम जोड़ दिया जाएगा।
ये बदलाव पूरी खाद्य वितरण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की उम्मीद हैं। राज्य ने पीडीएस को मजबूत करने के लिए अपने बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
“नया स्मार्ट पीडीएस सिस्टम अनाज वितरण की प्रभावशीलता में सुधार करेगा,” एक वरिष्ठ खाद्य विभाग अधिकारी ने कहा। “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लाभ सिर्फ वही लोग उठाएं, जो वाकई इसके हकदार हैं।”
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने पर केंद्र सरकार सालाना 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। मध्य प्रदेश इस योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी है।
इन नए सुधारों के साथ, राज्य को उम्मीद है कि वह व्यवस्था में किसी भी रिसाव को रोक सकेगा और हर पात्र परिवार को हर महीने उनका पूरा हिस्सा मुफ्त अनाज मिल सकेगा। यह गरीबों और भोजन-असुरक्षित लोगों का समर्थन करने में सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण कदम है।